Saturday, 21 November 2015

नहीं रहा: नरेंद्र मोदी का भाजपा पर भरोसा

बिहार की हार से सबक लेते हुए भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बजाय राज्य के चेहरों को आगे कर पार्टी विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। पीएम मोदी बतौर स्टार प्रचारक रहेंगे। लेकिन स्थानिय चेहरा पर भी पार्टी का फोकस रहेगा।
बताया जा रहा है कि बिहार में हार के बाद भाजपा को असम से काफी उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के सत्ता विरोधी रूझान के सहारे पार्टी पूर्वोत्तर भारत के किसी राज्य में अपने बलबूते सरकार बनाने का सपना बुन रही है। असम की जीत के बाद दोबारा से उसके कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। इसी कारणवस पार्टी रणनीतिकार असम चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।
और इधर सोनवाल को भी असम चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाकर चुनाव के लिए उनका चेहरा आगे किया गया है।
दरअसल सूबे के विधानसभा चुनाव 2016 के मार्च-अप्रैल में होने वाले हैं। लेकिन बिहार में मात खाने के बाद पार्टी ने अभी से ही सोनवाल के रूप में अपना चेहरा आगे कर दिया है।
असम भाजपा अध्यक्ष पद पर सोनवाल के नाम का ऐलान करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने वर्तमान अध्यक्ष सिद्धार्थ भट्टाचार्य को पूर्वोत्तर मामलों के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया है। साथ ही सोनवाल को चुनाव प्रबंधन समिति की कमान सौंपते हुए रमन डेका, राजन गोहाईं और सिद्धार्थ भट्टाचार्य को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया है। तो कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में आए हेमंत विश्वशर्मा को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया है। वहीं सांसद विजया चक्रवर्ती, कामाख्या ताशा, राजदीप राय, विजय गुप्ता और मौ. अवल को समिति का सदस्य बनाया गया है।

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